Skip to main content

कटलैस एक्स्प्रेस 2021 अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय नौसेना पोत तलवार मोम्बासा पहुँचा

भारतीय नौसेना पोत तलवार कटलैस एक्स्प्रेस 2021 अभ्यास में भाग ले रहा है जिसका आयोजन 26 जुलाई 2021 से 06 अगस्त 2021 तक अफ्रीका के पूर्वी तट पर किया जा रहा है। यह अभ्यास एक वार्षिक समुद्री अभ्यास है जिसका आयोजन पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी हिंद महासागर में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इस अभ्यास के 2021 संस्करण में 12 पूर्वी अफ्रीकी देश, अमेरिका, ब्रिटेन, भारत और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी), इंटरपोल, यूरोपीयन यूनियन नेवल फोर्स (ईयूएनएवीएफ़ओआर), क्रिटिकल मैरीटाइम रूट्स इंडियन ओशन (सीआरआईएमएआरआईओ) और ईयूसीएपी सोमालिया भाग ले रहे हैं। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना 'प्रशिक्षक की भूमिका' निभा रही है।

इस अभ्यास का फ़ोकस पूर्वी अफ्रीका के तटीय क्षेत्र हैं और इसे संयुक्त समुद्री कानून प्रवर्तन क्षमता का आकलन करने और उसे बेहतर बनाने, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय नौसेनाओं के बीच सुसंगतता को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस अभ्यास के तहत भारतीय नौसेना अन्य भागीदारों के साथ अनेक प्रकार के समुद्री सुरक्षा अभियानों में विभिन्न क्षेत्रों में भाग ले रहे विभिन्न देशों से आए प्रतियोगियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी। समुद्री क्षेत्र के संदर्भ में विभिन्न भागीदार देशों के बीच सूचना साझा करना और उसका आदान-प्रदान भी इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है और भारत के इंफ़ॉर्मेशन फ़्यूजन सेंटर - इंडियन ओसियन रीजन (आईएफ़सी-आईओआर) की भागीदारी इसे हासिल करने में योगदान देगी।

इस अभ्यास के तहत, यह पोत मोम्बासा, केन्या का दौरा कर रहा है, जहां केन्या नौसेना के साथ विभिन्न अन्य प्रकार की पेशेवर गतिविधियों की योजना बनाई गई है। मोम्बासा में अपने प्रवास के दौरान यह पोत कटलैस एक्स्प्रेस में भाग ले रहे प्रतिभागियों के अलावा केन्या, भारतीय समुदाय और अनेक अन्य भागीदारों के साथ दोस्ती का संबंध मजबूत करने की दृष्टि से अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।

पूर्वी तट पर स्थित देशों और पश्चिमी आईओआर के प्रति भारत की वचनबद्धता को भा नौ पो तलवार के इस दौरे से और भी मजबूती मिलेगी और ऐसा हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) परिकल्पना की दिशा में भारत की तथाकथित नीति के अनुरूप किया जा रहा है।