नौसेना दिवस का संक्षिप्त इतिहास

21 अक्टूबर 1944 को रॉयल इंडियन नेवी ने पहली बार नौसेना दिवस मनाया। नौसेना दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य जनता के बीच नौसेना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी और जागरूकता बढ़ाना था। इसमें विभिन्न बंदरगाह शहरों में परेड आयोजित करना और अंतर्देशीय केंद्रों पर सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना शामिल था। इसे काफी सफलता मिली और जनता में काफी उत्साह पैदा हुआ।
इसकी सफलता को देखते हुए, हर साल बड़े पैमाने पर और बाद में मौसम ठंडा होने पर इसी तरह के समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया। तदनुसार, नौसेना दिवस 1945 01 दिसंबर को बॉम्बे और कराची में मनाया गया।
समय के साथ और 1972 तक, नौसेना दिवस 15 दिसंबर को मनाया जाने लगा और जिस सप्ताह 15 दिसंबर पड़ता था, उसे नौसेना सप्ताह के रूप में मनाया जाता था। मई 1972 में वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में की गई अत्यंत सफल नौसैनिक कार्रवाइयों की याद में 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाएगा तथा 1 से 7 दिसंबर तक नौसेना सप्ताह मनाया जाएगा।





