यह राष्ट्रीय मिशन चार महाद्वीपों, तीन महासागरों और तीन चुनौतीपूर्ण केप्स को पार करते हुए लगभग 23,400 समुद्री मील की यात्रा करने का लक्ष्य रखता है, जो 240 दिनों में पूरा होगा। इस यात्रा का उद्देश्य भारत के समुद्री इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ना है—नारी शक्ति, विकसित भारत, समुद्री भारत।
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा, जो भारतीय नौसेना की महिला अधिकारी हैं, इस ऐतिहासिक यात्रा में आई.एन.एस.वी. तरिणी, एक स्वदेशी नौका (सेलबोट), पर सवार होकर भाग लेंगी। यह यात्रा नौका निर्माण के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करती है।
इस अवसर पर सी.एन.एस. (नौसेना स्टाफ प्रमुख) ने अपने संदेश में दोनों अधिकारियों से कहा कि उनकी यह कहानी हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणा बनेगी कि वे बाधाओं को तोड़ें और नारी शक्ति को एक नई परिभाषा दें। उन्होंने यह भी कहा कि यह साहसिक यात्रा यह प्रमाणित करेगी कि “जीवन में संभावनाएँ असीमित हैं, जैसे कि महासागर स्वयं।”
भारतीय नौसेना इस साहसी जोड़ी के लिए इस ऐतिहासिक यात्रा की सफलता की कामना करती है, जो दुनिया के महासागरों के विशाल विस्तार में “साहसी दिल, असीम समुद्र” का संदेश फैलाएगी।