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पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित

पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित
पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित
पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित
पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित
पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित
पहली नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत (एन.जी.एम.वी.) का स्टील कटिंग समारोह भारतीय नौसेना के लिए कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड, कोच्चि में आयोजित

नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल पोत #एन.जी.एम.वी. के पहले पोत का ‘स्टील कटिंग’ समारोह 16 दिसंबर 2024 को #कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड #सी.एस.एल., कोच्चि में वॉरशिप प्रोडक्शन सुपरिंटेंडेंट #डब्ल्यू.पी.एस. कमोडोर एस. पार्थिबन की उपस्थिति में आयोजित किया गया। छह एन.जी.एम.वी. के निर्माण के लिए सी.एस.एल. के साथ अनुबंध मार्च 2023 में किया गया था, और इन पोतों को 2027 से भारतीय नौसेना में शामिल करने की योजना है। एन.जी.एम.वी. को अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया जाएगा, जिससे #भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और इसे एक ‘भविष्य के लिए तैयार’ और ‘युद्ध के लिए तैयार’ बल के रूप में सशक्त बनाया जाएगा। इन पोतों का निर्माण भारत की एक मजबूत और आधुनिक नौसेना के निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो हिंद महासागर क्षेत्र #आई.ओ.आर. के जटिल समुद्री वातावरण में सफलतापूर्वक संचालन करने में सक्षम होगी। ये पोत उच्च गति वाले होंगे और सतह से सतह मिसाइल प्रणाली, एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम, एयर सर्विलांस रडार और फायर कंट्रोल रडार जैसे प्रभावशाली हथियारों और सेंसर से सुसज्जित होंगे। इनके सभी प्रमुख उपकरण स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित किए गए हैं, जो राष्ट्र की तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं और भारत सरकार की #‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुकूल हैं।