एन.डब्ल्यू.डब्ल्यू.ए. अपने 39वें स्थापना दिवस का उत्सव मना रहा है, लेकिन यह केवल समारोह तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थिरता, सामुदायिक कल्याण और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। इस वर्ष, हमारा ध्यान केवल अतीत की उपलब्धियों को याद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक ऐसे भविष्य के निर्माण पर केंद्रित है, जहाँ प्रकृति और प्रगति एक साथ आगे बढ़ें।
इसी दृष्टिकोण के अनुरूप, एन.डब्ल्यू.डब्ल्यू.ए. की अध्यक्ष श्रीमती शशि त्रिपाठी ने पर्यावरण संरक्षण को संगठन की सभी पहलों के केंद्र में रखने का संकल्प लिया है। इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम के रूप में, राजस्थान के भिवाड़ी जिले के खिजरपुर स्थित धोली खोली धाम गोधन गाँव में एक वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया गया। इस अभियान के अंतर्गत कुल 77 पौधे लगाए गए, जो वर्ष 1948 को श्रद्धांजलि स्वरूप हैं—यह वही वर्ष था जब एन.डब्ल्यू.डब्ल्यू.ए. की स्थापना हुई थी। यह संख्या हमारे मूल्यों की दृढ़ता और निरंतर विकास का प्रतीक है। इस पहल को वन विभाग और नागरिक प्रशासन, भिवाड़ी का सहयोग प्राप्त हुआ, जिसमें प्रमुख रूप से पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) सुश्री ज्येष्ठ मैत्री, बी.आई.डी.ए. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी.ई.ओ.) श्री अतुल प्रकाश, और जिला वन अधिकारी (डी.एफ.ओ.) श्री राजेंद्र हुड्डा उपस्थित रहे।
प्रत्येक पौधा केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि एक संकल्प है—पृथ्वी की देखभाल करने का, एक सतत भविष्य की ओर बढ़ने का, और सामुदायिक विकास में एन.डब्ल्यू.डब्ल्यू.ए. की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक। जब ये वृक्ष अपनी जड़ें मजबूत करेंगे और पल्लवित होंगे, तब वे आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी के जीवंत प्रतीक बनेंगे।
परिवर्तन प्रतीक्षा नहीं करता—यह तभी शुरू होता है जब हम पहला कदम उठाते हैं। यह एन.डब्ल्यू.डब्ल्यू.ए. दिवस केवल एक उत्सव नहीं है—यह कार्रवाई, प्रभाव और एक स्थायी विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है।
आइए, हम पूरी दुनिया को यह संदेश दें: भविष्य हरित है, और इसकी शुरुआत हमसे होती है।