दक्षिणी नौसेना कमान द्वारा 25-26 जून 2025 को नौसेना विमान यार्ड कोच्चि में चौथी नौसेना उड्डयन स्वदेशीकरण संगोष्ठी आयोजित की गई। इस संगोष्ठी ने देश भर के प्रमुख उड्डयन विशेषज्ञों को एक साथ लाया, जिसका उद्देश्य समकालीन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर नौसेना उड्डयन में स्वदेशीकरण प्रक्रिया को पुनर्जनन करना था। यह संगोष्ठी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत सरकार के ‘विकसित भारत - 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का प्रयास करती है। संगोष्ठी में सैन्य वायुयोग्यता और प्रमाणन केंद्र (सी.ई.एम.आई.एल.ए.सी.), राष्ट्रीय एडिटिव विनिर्माण केंद्र (एन.सी.ए.एम.) और आई.आई.टी. मद्रास द्वारा प्रस्तुतियाँ दी गईं, साथ ही एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के विषय विशेषज्ञों द्वारा चल रहे स्वदेशीकरण सुधारों और नवाचार को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर केंद्रित जानकारीपूर्ण शोधपत्र प्रस्तुत किए गए।
इस समारोह में एक नौसेना उड्डयन स्वदेशीकरण प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न उद्योगों, जिनमें एम.एस.एम.ई. और स्टार्टअप शामिल थे, ने अत्याधुनिक स्वदेशी समाधानों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री ए.पी.वी.एस. प्रसाद, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मुख्य कार्यकारी (वायुयोग्यता), सी.ई.एम.आई.एल.ए.सी. द्वारा रियर एडमिरल अंशुमन चौहान, सहायक प्रमुख नौसेना स्टाफ (वायु सामग्री) की उपस्थिति में किया गया। प्रदर्शनी में 50 से अधिक फर्मों ने भाग लिया। यह संगोष्ठी नौसेना उड्डयन के क्षेत्र में स्वदेशीकरण और नवाचार को बढ़ावा देने में हितधारकों के बीच सहयोग और तालमेल के महत्व को रेखांकित करती है।