नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने 23 सितंबर 2025 को कोलंबो राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र (आई.ओ.आर.) में भारत और श्रीलंका के गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व रणनीतिक संबंधों पर प्रकाश डाला। वैश्विक समुद्री चुनौतियों, बदलती भू-राजनीति, तेजी से तकनीकी बदलाव और ग्रे जोन रणनीतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने तीन प्रमुख बातों पर जोर दिया: विश्वसनीय क्षमता, गहरा सहयोग और तकनीकी परिवर्तन। उन्होंने कहा कि दोनों देश आर्थिक व रणनीतिक सुरक्षा के लिए समुद्र पर निर्भर हैं और समुद्री डकैती रोधी बचाव व नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के संयुक्त अभियान नौसैनिक सहयोग के सफल उदाहरण हैं। नौसेना प्रमुख ने गोवा समुद्री संगोष्ठी और स्लाइनेक्स जैसे मंचों की साझा क्षमता बढ़ाने में भूमिका और हरित पहल व नवाचार में तकनीक के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भविष्य के नेताओं से चुस्त, जन-केंद्रित व सहयोगी रहने का आग्रह किया और श्रीलंका व सुरक्षित, समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।