वाइस एडमिरल सुरज बेरी, पी.वी.एस.एम., ए.वी.एस.एम., एन.एम., वी.एस.एम., कमांडर-इन-चीफ, 38 वर्षों से अधिक की विशिष्ट सेवा के बाद आज सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि दी।
1 जनवरी 1987 को सेवा में शामिल हुए वाइस एडमिरल सुरज बेरी तोपखाना और मिसाइल युद्ध विशेषज्ञ हैं और अमेरिका के रोड आइलैंड के नौसेना युद्ध महाविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। समुद्र में 19 वर्षों से अधिक समय तक उन्होंने भा.नौ.पो. निर्भीक, कर्मुक, तलवार और विमानवाहक पोत भा.नौ.पो. विक्रमादित्य की कमान संभाली, जिसके वे कमीशनिंग कमांडिंग ऑफिसर थे। तट पर उन्होंने अग्निपथ योजना लागू करने और महिला नाविकों की भर्ती जैसी परिवर्तनकारी पहलों का नेतृत्व किया, जिसने नौसेना के मानव संसाधन के भविष्य को आकार दिया। नौसेना ध्वज उतारते समय उन्होंने विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण से जुड़ी भारत की समुद्री विरासत को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। भारतीय नौसेना उनकी अनुकरणीय सेवा के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त करती है और उनकी अगली यात्रा के लिए अनुकूल हवाएँ, शुभकामनाएँ और सफलता की कामना करती है।