समुद्र में भा.नौ.पो. विक्रांत पर पहला चरण आयोजित
रक्षा मंत्री स्वदेशी विमान वाहक पोत पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे
नौसेना कमांडर सम्मेलन 2023 का पहला संस्करण 6 मार्च 2023 को शुरू होने वाला है। यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के साथ-साथ एक संस्थागत मंच के माध्यम से वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत की जाती है।
इस वर्ष के सम्मेलन की विलक्षणता इस तथ्य में निहित है कि कमांडरों के सम्मेलन का पहला चरण समुद्र में और पहली बार, भारत के पहले स्वदेशी विमान वाहक, भा.नौ.पो. विक्रांत पर आयोजित किया जा रहा है। माननीय रक्षा मंत्री श्री. राजनाथ सिंह सम्मेलन के उद्घाटन दिवस पर भा.नौ.पो. विक्रांत पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख भी बाद के दिनों में नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, ताकि देश और भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा की दिशा में त्रि-सेवा तालमेल और तत्परता को बढ़ाने के लिए तीन सेवाओं में समान ऑपरेशनल वातावरण, और अवसरों को संबोधित किया जा सके। दिवस 1 पर गतिविधियों के हिस्से के रूप में समुद्र में एक सामरिक प्रदर्शन की भी योजना है।
नौसेना प्रमुख अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले छह महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा किए गए प्रमुख ऑपरेशनल, सामग्री, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण गतिविधियों और पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडरों को नवम्बर, 2022 में भारतीय नौसेना में निष्पादित ‘अग्निपथ स्कीम’ के बारे में एक अपडेट भी प्रदान किया जाएगा।
(अग्निवीर का पहला बैच, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अग्निवीर का पहला बैच भी शामिल है, मार्च 2023 के अंत में भा.नौ.पो. चिल्का से पास आउट होना है)।
इस क्षेत्र में मौजूदा भू-रणनीतिक स्थिति के कारण, सम्मेलन का अपना महत्व और प्रासंगिकता है। नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप वर्षों से अपने ऑपरेशनल कार्य में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी है। कमांडर हमारे समुद्री हितों की चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना की तत्परता पर भी विचार-विमर्श करेंगे। भारतीय नौसेना एक युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य-प्रूफ होने पर केंद्रित है और देश के समुद्री सुरक्षा गारंटर के रूप में अपने कर्तव्य को दृढ़ता से निष्पादित करती है।