भारतीय नौसेना के लिए मैसर्स जी.आर.एस.ई. द्वारा निर्मित 08 एक्स ए.एस.डब्ल्यू. शैलो वाटर क्राफ्ट (एस.डब्ल्यू.सी.) परियोजना के दूसरे पोत ‘एंड्रोथ’ को 21 मार्च 2023 को मैसर्स जी.आर.एस.ई., कोलकाता में लॉन्च किया गया। जहाज ने 1430 बजे हुगली नदी के जल के साथ अपना पहला संपर्क लॉन्च समारोह में किया, जिसकी अध्यक्षता वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पश्चिम) ने की। नौसेना की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए श्रीमती शशि त्रिपाठी ने अथर्व वेद से मंत्रोचार आह्वान करते हुए जहाज को लॉन्च किया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बंगाल क्रिकेट टीम के मुख्य कोच श्री. अरुण लाल समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में कोच्चि से लगभग 170 एन.एम. उत्तर-पश्चिम में स्थित एंड्रोथ द्वीप के रणनीतिक समुद्री महत्व को दर्शाने के लिए जहाज का नाम एंड्रोथ रखा गया है।
29 अप्रैल, 2019 को रक्षा मंत्रालय और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जी.आर.एस.ई.), कोलकाता के बीच आठ ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. जहाजों के निर्माण के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। अर्नाला श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना के वर्तमान सेवारत अभय वर्ग ए.एस.डब्ल्यू. कॉर्वेट्स की जगह लेंगे और तटवर्ती जल में उपसतह निगरानी सहित तटीय जल में पनडुब्बी रोधी संचालन, हल्के समुद्री ऑपरेशंस (एल.आई.एम.ओ.) और बारूदी सुरंग बिछाने के ऑपरेशंस के लिए डिजाइन किए गए हैं। ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. जहाज 77.6 मीटर लंबे हैं, और 900 टन के विस्थापन के साथ अधिकतम गति 25 समुद्री मील है।
तीन महीने की अवधि में एक ही वर्ग के दो जहाजों का शुभारंभ प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में हमारे संकल्प को मजबूत करता है। परियोजना के पहले जहाज को दिसंबर 2023 तक भारतीय नौसेना को सौंपने की योजना है। ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. जहाजों में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन का निष्पादन किया जाए, जिससे देश के भीतर रोजगार और क्षमता निर्माण में वृद्धि होगी।