वाइस एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन ने 6 अक्टूबर 2023 को कार्मिक प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया। फ्लैग ऑफिसर को 1 जुलाई 1987 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था और वह संचार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर में विशेषज्ञ हैं। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला; ज्वाइंट सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, श्रीवेंहम, यूनाइटेड किंगडम; कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर, करंजा; और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वार कॉलेज, न्यूपोर्ट, रोड आइलैंड, यू.एस.ए. के पूर्व छात्र हैं।
अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त करने वाले एडमिरल ने अपने नौसेना के सेवा काल में मिसाइल जहाजों भा.नौ.पो. विद्युत और विनाश, मिसाइल कॉरवेट भा.नौ.पो. कुलिश, निर्देशित मिसाइल विध्वंसक भा.नौ.पो. मैसूर और विमान वाहक भा.नौ.पो. विक्रमादित्य सहित कई प्रमुख ऑपरेशनल, स्टाफ और प्रशिक्षण नियुक्तियों पर कार्य किया है।
फ्लैग रैंक में पदोन्नति पर, उन्होंने मुख्यालय दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में मुख्य कर्मचारी अधिकारी (प्रशिक्षण) के रूप में कार्य किया और भारतीय नौसेना में सभी प्रकार के प्रशिक्षण के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय नौसेना सुरक्षा टीम के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो नौसेना के सभी क्षेत्रों में ऑपरेशनल सुरक्षा की देखरेख करती है। इसके बाद वह फ्लैग ऑफिसर समुद्री प्रशिक्षण के रूप में नौसेना के कार्य संगठन के प्रमुख बने, जिसके बाद उन्हें पश्चिमी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के रूप में नियुक्त होने का गौरव प्राप्त हुआ। स्वॉर्ड आर्म की कमान संभालने के बाद उन्हें फ्लैग ऑफिसर ऑफशोर डिफेंस एडवाइजरी ग्रुप और भारत सरकार के एडवाइजर ऑफशोर सिक्योरिटी एंड डिफेंस के रूप में नियुक्त किया गया तथा उसके बाद पश्चिमी नौसेना कमान के स्टाफ प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। फ्लैग ऑफिसर बाद में एन.एच.क्यू. में कंट्रोलर पर्सनल सर्विसेज पर रहे, एक पद जिस पर वे अपना वर्तमान कार्यभार संभालने तक थे।
एडमिरल स्वामीनाथन की शैक्षणिक योग्यता में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से बी.एस.सी. की डिग्री; कोचीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, कोच्चि से दूरसंचार में एम.एस.सी.; किंग्स कॉलेज, लंदन से रक्षा अध्ययन में एम.ए.; मुंबई विश्वविद्यालय से सामरिक अध्ययन में एमफिल; और मुंबई विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में पी.एच.डी. शामिल है।