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वार्षिक संयुक्त एच.ए.डी.आर. अभ्यास (एजे.एच.ई.) 2023 - (चक्रावत 2023)

वार्षिक संयुक्त एच.ए.डी.आर. अभ्यास (ए.जे.एच.ई.) संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन-2015 के दौरान माननीय प्रधानमंत्री के निर्देश का परिणाम है। 2015 में अपने पहले संस्करण के बाद से, वार्षिक संयुक्त एच.ए.डी.आर. अभ्यास, चक्रावत, ने खुद को एक बहु-एजेंसी प्रयास में बदल दिया है जिसमें सभी तीन सेवाओं, अर्धसैनिक बलों के साथ ही कई आपदा प्रतिक्रिया संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी शामिल है। 2023 संस्करण सभी हितधारकों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासों का और अधिक समन्वय करेगा, साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों की भागीदारी का गवाह भी बनेगा।

यह अभ्यास भारतीय सेना, भारतीय नौसेना (आई.एन.) और भारतीय वायु सेना (आई.ए.एफ.) द्वारा 2016 से रोटेशन में किया जा रहा है। इस अभ्यास का पिछला संस्करण आई.ए.एफ. द्वारा आगरा में आयोजित किया गया था। इस अभ्यास के 2023 संस्करण की मेजबानी भारतीय नौसेना 9 से 11 अक्टूबर 2023 तक गोवा में कर रही है।

मानवीय संकटों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सामूहिक और समन्वित प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना, महासागरों के लिए भारत के समावेशी दृष्टिकोण - सागर, या क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में सबसे अधिक दिखाई देने वाले तत्वों में से एक है। मानवीय सहायता और आपदा राहत (एच.ए.डी.आर.) अभियान भारतीय नौसेना की सौम्य भूमिका में एक प्रमुख घटक है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आई.ओ.आर.) की संवेदनशीलता में काफी वृद्धि की है।

जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती इस तेजी से बढ़ते खतरे को दूर करने के लिए तटवर्ती आई.ओ.आर. राज्यों की सीमित क्षमता होने से और तेजी से बढ़ रही है। इसलिए, भारतीय सशस्त्र बलों को अक्सर क्षेत्र में अपने मित्रों और भागीदारों को सहायता प्रदान करने के लिए बुलाया जाता है, जो क्षेत्र में 'फर्स्ट रेस्पॉन्डर' होने की आवश्यकता और हमारे संकल्प को मजबूत बनाता है। हालांकि, आपदा की स्थिति में तीनों सेवाएं राहत और सहायता प्रदान करती रही हैं, लेकिन सरकार का पूरा दृष्टिकोण इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए हमारी तैयारियों और प्रतिक्रिया को और बढ़ाएगा।

तीन दिनों के योजनाबद्ध एजे.एच.ई.-23 में एक संगोष्ठी, एक टेबल-टॉप अभ्यास और एक बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन शामिल है। इस अभ्यास में विभिन्न राष्ट्रीय राष्ट्रीय एजेंसीज जिनके नाम, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एन.डी.आर.एफ.), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एन.आई.डी.एम.), भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना, तटरक्षक बल, भारतीय मेट्रोलॉजिकल विभाग (आई.एम.डी.), राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी (एन.आर.एस.ए.), राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (एस.डी.एम.ए.) और राज्य अग्निशमन सेवा, गोवा, उत्तर और दक्षिण गोवा की जिला आपदा प्रबंधन एजेंसी (डी.डी.एम.ए.), भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आई.एन.सी.ओ.आई.एस.), केंद्रीय जल आयोग (सी.डब्ल्यू.सी.), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ.) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और मित्र देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और आपदा जोखिम में कमी: व्यावहारिक समाधान, आईओआर में आपदा प्रतिक्रिया: एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण, और आपदा न्यूनीकरण और प्रतिक्रिया में एन.जी.ओ. सहयोग: एक एकीकृत दृष्टिकोण जैसे उभरते विषयों पर 9 अक्टूबर 2023 को संगोष्ठी के दौरान विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा विचार-विमर्श किया गया। 10 और 11 अक्टूबर 2023 को एक औद्योगिक प्रदर्शन की योजना बनाई गई है, जिसमें फिक्की, सेना, आई.एन., आई.ए.एफ., आई.सी.जी., एन.डी.आर.एफ., एस.डी.एम.ए. और एन.एस.आर.सी. द्वारा विभिन्न एच.ए.डी.आर. उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा, 11 अक्टूबर 23 को एक बहु-एजेंसी क्षमता प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसमें बारीकियों और महत्वपूर्ण पाठों को उजागर करने के लिए बचाव और राहत पर एक अभ्यास किया जाएगा।

इस वर्ष के अभ्यास के लोगो में सभी भाग लेने वाली एजेंसियों के प्रतीक और लोगो को दर्शाया गया है और सभी राष्ट्रों के झंडे एक ही इकाई में समाहित हो गए हैं ताकि यह संकेत दिया जा सके कि एच.ए.डी.आर. सभी एजेंसियों द्वारा संयुक्त और एकीकृत कार्रवाई पर निर्भर होगा।