03 मई 2024 को गोवा में मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में पहले एन.जी.ओ.पी.वी. (पूर्व-जी.एस.एल.) की कील लेइंग आयोजित की गई थी। समारोह की अध्यक्षता वाइस एडमिरल बी. सिवा कुमार, युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक ने की, श्री बी. के. उपाध्याय, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, जी.एस.एल. और भारतीय नौसेना तथा मेसर्स जी.एस.एल. के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई। स्वदेशी डिज़ाइन और निर्माण के लिए 11 अगली पीढ़ी के ऑफशोर पैट्रोल पोतों के लिए अनुबंध 30 मार्च 2023 को रक्षा मंत्रालय और मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, गोवा और मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियर्स जी.आर.एस.ई., कोलकाता के बीच हुए थे, जिसमें सात जहाजों का निर्माण लीड शिपयार्ड मेसर्स जी.एस.एल. द्वारा और चार जहाजों का निर्माण फॉलो शिपयार्ड मेसर्स जी.आर.एस.ई. द्वारा किया जाएगा। एन.जी.ओ.पी.वी. का उपयोग समुद्री डकैती, तटीय रक्षा और निगरानी, खोज और बचाव (एस.ए.आर.) और ऑफशोर संपत्तियों की सुरक्षा जैसे मिशनों के लिए किया जाएगा। ये जहाज भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र (आई.ओ.आर.) में राष्ट्र के आर्थिक और भू-राजनीतिक हितों की रक्षा करने की युद्ध क्षमता बनाए रखने में सक्षम बनाएगा। यह राष्ट्र की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहलों के अनुरूप स्वदेशी जहाज निर्माण की दिशा में भारतीय नौसेना का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।