भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन 1 टी.एस., जिसमें भा.नौ.पो. सुजाता, भा.नौ.पो. शार्दूल और आई.सी.जी.एस. वीरा शामिल हैं, ने 06 - 09 फरवरी 2025 के दौरान सिंगापुर के चांगी नौसेना बेस का दौरा किया। इस बंदरगाह पर दौरे के दौरान, कैप्टन अंशुल किशोर, वरिष्ठ अधिकारी, 1 टी.एस. ने कर्नल रिन्सन चुआ हों लियाट, कमांडर, समुद्री प्रशिक्षण और सिद्धांत कमान (एम.टी.डी.सी.) से भेंट की। इस बातचीत का मुख्य विषय प्रशिक्षण से जुड़े पहलू और प्रशिक्षण एवं संचालन में भविष्य में सहयोग के अवसरों पर केंद्रित रहा। सिंगापुर गणराज्य में भारत के उच्चायुक्त डॉ. शिल्पक अंबुले ने 1 टी.एस. के जहाजों का दौरा किया और ‘मित्रता के सेतु निर्माण’ में भारतीय नौसेना की भूमिका को रेखांकित किया।
क्रांजी युद्ध स्मारक पर एक भव्य पुष्पांजलि अर्पण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। जनसंपर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से, भारतीय और सिंगापुर नौसेना के प्रशिक्षुओं ने मैत्रीपूर्ण खेल मुकाबलों में भाग लिया। भारतीय नौसेना के प्रशिक्षुओं ने सूचना संलयन केंद्र (आई.एफ.सी.) और चांगी क्षेत्रीय एच.ए.डी.आर. समन्वय केंद्र (आर.एच.सी.सी.) का दौरा किया, जिससे क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को समझने में सहायता मिली। इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षुओं ने आर.एस.एन. संग्रहालय का भी भ्रमण किया, जहां उन्हें सिंगापुर की समुद्री विरासत के बारे में मूल्यवान जानकारी प्राप्त हुई।
युवा भारती और दिल्ली पब्लिक स्कूल (डी.पी.एस.), सिंगापुर के स्कूली छात्रों ने स्क्वाड्रन के जहाजों का दौरा किया। भारतीय नौसेना की सामुदायिक सेवा प्रतिबद्धता के अंतर्गत, श्री नारायण वृद्धाश्रम और नर्सिंग होम में एक सामुदायिक दोपहर भोज का आयोजन किया गया। इस यात्रा का समापन 1 टी.एस. के जहाजों पर आयोजित एक स्वागत समारोह के साथ हुआ। इस समारोह में विभिन्न देशों के राजदूतों, सिंगापुर गणराज्य नौसेना (आर.एस.एन.) के अधिकारी एवं प्रशिक्षु, राजनयिक और सिंगापुर में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य उपस्थित थे।
इस यात्रा की सफलता भारत और सिंगापुर के बीच स्थायी समुद्री साझेदारी को दर्शाती है, जो भारत सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम’, ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘एस.ए.जी.ए.आर.’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और वृद्धि) नीतियों के अनुरूप है।