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एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख (सी.एन.एस.) ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर, मध्य प्रदेश में भारतीय नौसेना आउटरीच मंडप का उद्घाटन किया

एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख (सी.एन.एस.) ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर, मध्य प्रदेश में भारतीय नौसेना आउटरीच मंडप का उद्घाटन किया
एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख (सी.एन.एस.) ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर, मध्य प्रदेश में भारतीय नौसेना आउटरीच मंडप का उद्घाटन किया
एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख (सी.एन.एस.) ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर, मध्य प्रदेश में भारतीय नौसेना आउटरीच मंडप का उद्घाटन किया
एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख (सी.एन.एस.) ने महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर, मध्य प्रदेश में भारतीय नौसेना आउटरीच मंडप का उद्घाटन किया

एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, नौसेना प्रमुख (सी.एन.एस.) ने 02 फरवरी 2025 को मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री माननीय श्री इंदर सिंह परमार, राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर शुभा तिवारी की उपस्थिति में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में भारतीय नौसेना आउटरीच मंडप का उद्घाटन किया। यह पहल नौसेना के शैक्षणिक संस्थानों से संपर्क और सहभागिता कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को भारतीय रक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। साथ ही, यह इस क्षेत्र में समुद्री जागरूकता को बढ़ावा देने का भी प्रयास है। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख ने विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में स्नातक छात्रों को संबोधित किया, जिसकी अध्यक्षता मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई सी. पटेल ने की। स्नातक छात्रों को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई देते हुए, नौसेना प्रमुख ने उनके साथ तीन जीवन मंत्र साझा किए — पहला, निरंतर सीखने का प्रयास करें; दूसरा, सफलता उत्कृष्टता का परिणाम होती है; और तीसरा, जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना आशा, आकांक्षा और आत्मविश्वास के साथ करें। नौसेना प्रमुख  ने भारतीय नौसेना की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा में इसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों को भारतीय रक्षा बलों में शामिल होकर एक गौरवशाली करियर बनाने और राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया।