नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने 14 अक्टूबर 2025 को करवार नौसेना बेस में प्रोजेक्ट सीबर्ड फेज IIA के तहत वरिष्ठ नाविकों और रक्षा सिविलियनों के लिए आवासीय सुविधा का उद्घाटन किया। इस समारोह में वाइस एडमिरल के. स्वामीनाथन, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान, वाइस एडमिरल राजेश धनखड़, महानिदेशक प्रोजेक्ट सीबर्ड, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मंजिल क्रीक और अमदल्ली के पूर्व में स्थित यह आवासीय सुविधा वरिष्ठ नाविकों के लिए 240 आवास इकाइयों (डी.यू.) वाली चार टावरों और रक्षा सिविलियनों के लिए 240 डी.यू. वाली चार टावरों से युक्त है। पूर्ण विकास के बाद, इन टाउनशिप में वरिष्ठ नाविकों के लिए 2,160 और रक्षा सिविलियनों के लिए 3,168 आवास इकाइयाँ होंगी। इन भवनों का निर्माण मेसर्स एन.सी.सी. लिमिटेड, हैदराबाद ने किया है। यह बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्ट सीबर्ड फेज IIA का हिस्सा है, जो करवार में बड़ी संख्या में जहाजों और पनडुब्बियों के ठहराव को सुविधा प्रदान करेगा।
इसमें दोहरे उपयोग वाला नौसेना वायु स्टेशन, पूर्ण विकसित नौसेना डॉकयार्ड, चार कवर्ड ड्राई बर्थ और जहाजों व विमानों के लिए लॉजिस्टिक्स सुविधाएँ शामिल हैं। यह लगभग 10,000 वर्दीधारी और सिविलियन कर्मियों व उनके परिवारों को आवास प्रदान करेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था, उद्योग और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। प्रोजेक्ट सीबर्ड फेज IIA के निर्माण से 7,000 प्रत्यक्ष और 25,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं। यह परियोजना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) और भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आई.जी.बी.सी.) के मानदंडों का पालन करती है। पूर्ण होने पर यह परियोजना आई.जी.बी.सी. गोल्ड-रेटेड होगी। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा के अनुरूप है, जिसमें 90% से अधिक सामग्री और उपकरण स्वदेशी हैं।