
छटे डोर्निएर विमान स्क्वाड्रन, भारतीय नौसेना वायु स्क्वाड्रन 314 को नेवल एयर एंक्लेव, पोरबंदर में वाइस एडमिरल एमएस पवार, एवीएसएम, वीएसएम, सह-नौसेनाध्यक्ष द्वारा 29 नवंबर 2019 को कमीशन किया गया।
आईएनएएस 314 का नामकरण "रैप्टर्स" नामक "शिकारी चिड़िया" के आधार पर दिया गया है। स्क्वाड्रन का प्रतीक विशाल नीले समुद्र में खोज करती 'रैप्टर चिड़िया' है। 'रैप्टर' विशाल शिकारी चिड़िया होती है जिसे अपनी उत्कृष्ट संवेदी क्षमताओं, ताकतवर और नुकीली नाखूनों और मजबूत पंखों के लिए जानी जाती है और जो विमान की क्षमताओं और स्क्वाड्रन की उल्लिखित भूमिकाओं का प्रतीक है।
यह स्क्वाड्रन हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड, (एचएएल) कानपुर द्वारा निर्मित ट्विन टर्बोप्रॉप इंजन, बहु-भूमिका वाले एसआरएमआर विमान, डोर्निएर विमान का संचालन करेगी। इस विमान का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशनों, समुद्र की निगरानी, खोज और बचाव कार्य करने और हथियार मंच को लक्ष्य का डेटा प्रदान करने के लिए किया जाता है। 'मेक इन इंडिया' के जरिए स्वदेशी उत्पादन और आत्म-निर्भरता की दिशा में योगदान करते हुए, नौसेना एचएएल से 12 नए डोर्निएर विमान खरीदने जा रही है जो ग्लास कॉकपिट, उन्नत निगरानी रेडार, ईएलआईएनटी, ऑप्टिकल सेंसरों और नेटवर्किंग विशेषताओं सहित अत्याधुनिक सेंसर और उपकरण से लैस हैं। यह स्क्वाड्रन पहली ऐसी स्क्वाड्रन है जिसने इन चार नए तकनीकी रूप से उन्नत अगली पीढ़ी के डोर्निएर विमान खरीदे और संचालन किया है।