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पांचवीं कल्वरी श्रेणी की पनडुब्बी ‘वागीर’ का नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में कमीशन

भारतीय नौसेना की परियोजना 75 और मेक इन इंडिया पहल के लिए एक और प्रमुख मील का पत्थर

भा.नौ.पो.वागीर पश्चिमी नौसेना कमान का हिस्सा होगा

पनडुब्बी में उन्नत स्टील्थ विशेषताएं और लंबी दूरी के निर्देशित टॉरपीडो के साथ-साथ जहाज रोधी मिसाइलें हैं

भारतीय नौसेना की पांचवीं स्टील्थ स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी भा.नौ.पो. वागीर को आज 23 जनवरी, 2023 को नौसेना डॉकयार्ड मुंबई में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, समारोह के मुख्य अतिथि की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया। मेसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एम.डी.एल.) मुंबई द्वारा भारत में छह स्कॉर्पीन श्रेणी पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं। भा.नौ.पो. वागीर पश्चिमी नौसेना कमान के पनडुब्बी बेड़े का हिस्सा होगा और कमान के शस्त्रागार का एक और शक्तिशाली हिस्सा होगा।

वागीर को 12 नवंबर 2020 को परियोजना 75 (पी. 75) के तहत लॉन्च किया गया था और इसे 20 दिसंबर 2022 को समुद्री परीक्षणों के पूरा होने के बाद भारतीय नौसेना को दिया गया। वागीर को अब तक सभी स्वदेशी रूप से निर्मित पनडुब्बियों के बीच सबसे कम समय में निर्मित होने का गौरव प्राप्त है।

फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान वी.ए.डी.एम. ए.बी. सिंह, चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, एम.डी.एल. वी.ए.डी.एम. नारायण प्रसाद (सेवानिवृत्त) और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी कमीशन समारोह के दौरान उपस्थित थे। तत्कालीन 'वागीर' रूस की एक फॉक्सट्रॉट श्रेणी सबमरीन, जिसे 2001 में डिकमीशन किया गया था, के चालक दल को समारोह के लिए विशेष आमंत्रित किया गया था और इसमें तत्कालीन कमीशन कमांडिंग ऑफिसर आर.ए.डी.एम. के राजा मेनन (सेवानिवृत्त) भी मौजूद थे।

स्कॉर्पीन पनडुब्बियां बेहद शक्तिशाली प्लेटफॉर्म हैं, उनके पास उन्नत स्टील्थ विशेषताएं हैं और वे लंबी दूरी के निर्देशित टॉरपीडो के साथ-साथ जहाज-रोधी मिसाइलों से भी लैस हैं। इन पनडुब्बियों में अत्याधुनिक सोनार सूट और सेंसर सूट है, जो उत्कृष्ट ऑपरेशनल क्षमताओं में सहायक हैं।

सी.एन.एस. वार्ता

इस अवसर पर अपने संबोधन में सी.एन.एस. ने कहा कि भा.नौ.पो. वागीर भारतीय नौसेना की सामरिक शक्ति को एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन देगा और किसी भी प्रतिकूल स्थिति के लिए एक शक्तिशाली निवारक के रूप में कार्य करेगा।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वागीर 24 महीने की छोटी अवधि में नौसेना में शामिल होने वाली तीसरी पनडुब्बी है। “यह भारत के जहाज निर्माण उद्योग के आने वाले युग और हमारे रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की परिपक्वता को रेखांकित करता है। यह मिश्रित और जटिल प्लेटफार्मों के निर्माण के लिए हमारे शिपयार्डों की विशेषज्ञता और अनुभव का भी एक चमकता हुआ प्रमाण है और 2047 तक पूरी तरह से 'आत्म निर्भर' बल बनने के लिए भारतीय नौसेना की स्पष्ट प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प को मजबूत करने का कार्य करता है।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के सी.एम.डी. और कर्मियों को उनके सराहनीय प्रयासों के लिए बधाई देते हुए, जिनके कारण वागीर का कमीशन हुआ, सी.एन.एस. ने कहा कि एम.डी.एल. भारतीय नौसेना के लिए एक करीबी और मूल्यवान भागीदार है और एक 'क्रेता नौसेना' से 'निर्माता नौसेना' में नौसेना के बदलाव में सबसे आगे रहा है।

नौसेना प्रमुख ने कमिशनिंग क्रू. को यह कहते हुए बधाई दी कि "यह मुझे विश्वास दिलाता है कि आप में से हर एक 'अपना कर्तव्य निभाएगा और इसे अच्छी तरह से करेगा', और यह कि वागीर नौसेना की उच्चतम परंपराओं द्वारा निर्देशित गर्व और एलान के साथ राष्ट्र की सेवा करेगा।"

वागीर - सैंड शार्क

द. सैंड शार्क 'स्टील्थ एंड फियरलेस' दो गुण जो एक सबमरीनर की प्रकृति का पर्याय हैं, का प्रतिनिधित्व करता है। पनडुब्बी का आदर्श वाक्य, ‘साहस, शौर्य समर्पण’ साहस, वीरता और समर्पण के मूल मूल्यों का प्रतीक है। ये मूल्य सभी परिस्थितियों में विजयी बनने के लिए अपनी चरम दक्षता पर सभी ऑपरेशंस को करने और कठिन कार्य का सामना करने पर तालमेल बिठाने की क्षमता को दर्शाते हैं। आदर्श वाक्य उन लोगों द्वारा आत्मसात किया गया है जो उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने, सबसे कठिन परिस्थितियों में भी आत्मविश्वास, निर्भीक और साहसी बने रहने के लिए जिससे बढ़त को 'शार्प एंड रेडी' रखा जा सके, के लिए प्रेरित करता है।

वागीर को शामिल करना एक और कदम है, जो एक निर्माणकर्ता नौसेना के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करता है, साथ ही दुनिया के एक प्रमुख जहाज और पनडुब्बी निर्माण यार्ड के रूप में एम.डी.एल. की क्षमताओं का प्रतिबिंब भी है। परियोजना-75 रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में यार्ड के निरंतर महत्व में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है।

वागीर की कमीशनिंग 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के साथ हो रही है। इस स्वदेशी पनडुब्बी का कमीशन एक बार फिर मुहिम को दर्शाता है और 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर ध्यान केंद्रित करता है।