पनडुब्बी-रोधी वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी.) (सी.एस.एल.) परियोजना के दूसरे जहाज (बी.वाई. 524, मालवान) और तीसरे जहाज (बी.वाई. 525, मंगरोल) की कील लेइंग की अध्यक्षता क्रमशः रियर एडमिरल संदीप मेहता, ए.सी.डब्ल्यू.पी. एंड. ए. और रियर एडमिरल आई. बी. उथैया डी.जी. डब्ल्यू.डी.बी., ने श्री. मधु एस नायर, सी.एम.डी., सी.एस.एल. और भारतीय नौसेना और सी.एस.एल. के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में 21 फरवरी 2023 को कोच्चि के मैसर्स सी.एस.एल. में की। स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी प्रमुख और सहायक उपकरण / प्रणालियों के साथ, ये जहाज रक्षा मंत्रालय की पहल "मेक इन इंडिया" के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
आठ ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. जहाजों के निर्माण के लिए मैसर्स सी.एस.एल., कोच्चि, के साथ भारत सरकार की "आत्मनिर्भर भारत" पहल के अनुरूप अनुबंध पूर्ण किया गया। इन जहाजों का निर्माण 25 वर्षों के सेवा जीवन के लिए किया जा रहा है। इन जहाजों की उपलब्धता से तटीय क्षेत्रों में पानी के नीचे के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के उद्देश्य के लिए उप-सतह निगरानी प्रदान होगी।