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थिएटर स्तरीय ऑपरेशनल रेडीनेस अभ्यास (ट्रॉपेक्स-23)भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्ध खेल

वर्ष 2023 में भारतीय नौसेना का प्रमुख ऑपरेशनल स्तर का अभ्यास ट्रॉपेक्स चार महीने 22 नवंबर से 23 मार्च तक आई.ओ.आर. में आयोजित किया गया, जिसका समापन अरब सागर में इस सप्ताह हुआ। समग्र अभ्यास में तटीय रक्षा अभ्यास सी. विजिल और उभयचर अभ्यास एम्फेक्स शामिल थे। इन अभ्यासों में एक साथ भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल की महत्वपूर्ण भागीदारी भी देखी गई।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित हिंद महासागर में किए गए, अभ्यास के ऑपरेशन का थिएटर उत्तर से दक्षिण तक लगभग 4300 एन.एम. तक 35 डिग्री दक्षिण अक्षांश तक और पश्चिम में फारस की खाड़ी से पूर्व में, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया तट तक 5000 एन.एम. तक, 21 मिलियन वर्ग समुद्री मील से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ था। ट्रॉपेक्स 23 में लगभग 70 भारतीय नौसेना के जहाजों, छह पनडुब्बियों और 75 से अधिक विमानों की भागीदारी देखी गई।

ट्रॉपेक्स 23 की परिणति ने भारतीय नौसेना के एक गहन ऑपरेशनल चरण को समाप्त किया जो नवंबर 2022 में शुरू हुआ था। अंतिम संयुक्त चरण के हिस्से के रूप में, माननीय रक्षा मंत्री ने 6 मार्च 23 को नए कमीशन हुए स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत पर समुद्र में एक दिन बिताया। उन्होंने भारतीय नौसेना की सामरिक तैयारियों और मटीरियल तत्परता की समीक्षा की, जिसमें नौसेना ने स्वदेशी एल.सी.ए. और लाइव हथियार फायरिंग के डेक ऑपरेशन सहित सामरिक युद्धाभ्यास और युद्ध अभियानों के विभिन्न पहलुओं का प्रदर्शन किया। बेड़ों को संबोधित करते हुए, उन्होंने भारतीय नौसेना की सामरिक तैयारियों की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि देश नौसेना की ओर यह सुनिश्चित करने के लिए देखता है कि हमारे विरोधियों की आर्थिक जीवन रेखा और सैन्य क्षमताएं उस हद तक बाधित हों सके जिसमें वे अपने युद्ध प्रयासों को जारी नहीं रख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वह पूरी तरह आश्वस्त हैं कि भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में और भारत के शांतिपूर्ण अस्तित्व को खतरे में डालने की कोशिश करने वाले किसी भी संभावित प्रतिद्वंद्वियों के शैतानी इरादों को विफल करने में पूरी तरह से सक्षम है। माननीय रक्षा मंत्री ने 'मेक इन इंडिया' पहल में सबसे आगे रहने और 'युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और फ्यूचर प्रूफ' के लिए आत्मनिर्भरता के मार्ग का लाभ उठाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की।