एक स्मरणोत्सव परियोजना के रूप में 'प्राचीन भारतीय स्टिचिंग जहाज' के रेक्रिएशन के लिए त्रिपक्षीय अनुबंध पर भारतीय नौसेना, संस्कृति मंत्रालय और मैसर्स होदी इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड ने 18 जुलाई 2023 को हस्ताक्षर किए। इस परियोजना का उद्देश्य जुड़े हुए स्टिचिंग जहाज की 2000 वर्ष पुरानी प्राचीन तकनीक को पुनर्जीवित करना है, जो प्राचीन समय में समुद्र में चलने वाले जहाजों के निर्माण के लिए प्रचलित थी। यह योजना है कि भारतीय नौसेना 2025 में पारंपरिक मार्गों के माध्यम से इस जहाज पर यात्रा करेगी। इस परियोजना के माध्यम से भारत सरकार इस पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित और संरक्षित करने का लक्ष्य रख रही है जो भारत के गौरवशाली समुद्री अतीत का एक अभिन्न हिस्सा था।