सफेद पोशाकों में महिलाएं और जवान भारतीय नौसेना के 'शिप फर्स्ट' दृष्टिकोण के केंद्र में हैं और निकट भविष्य में भी इसकी सबसे बड़ी संपत्ति बने रहेंगे। उनके व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय नौसेना यह मानती है कि एक चुस्त, अनुकूल और उन्नत मानव संसाधन प्रबंधन अनिवार्य है। इस संबंध में, भारतीय नौसेना ने विभिन्न प्रोमोशन बोर्डों के लिए ‘360 डिग्री मूल्यांकन तंत्र’ की एक नई परिवर्तनकारी पहल को संस्थागत रूप दिया है।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर गोपनीय रिपोर्टों के वर्तमान मूल्यांकन तंत्र में 'टॉप-डाउन' दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमा होती है, क्योंकि यह अधीनस्थों पर नेतृत्व के प्रभाव को पूर्ण या निर्धारित नहीं करता है। भारतीय नौसेना के ‘360 डिग्री मूल्यांकन तंत्र’ का उद्देश्य पदोन्नति के लिए विचार किए जा रहे प्रत्येक अधिकारी के लिए उपयुक्त रूप से पहचाने गए साथियों और अधीनस्थों से बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण शामिल करके इस कमी को दूर करना है। सर्वेक्षण में प्रश्नों का एक स्पेक्ट्रम शामिल है, जिसमें पेशेवर ज्ञान, नेतृत्व गुण, युद्ध / संकट में उपयुक्तता और उच्च रैंक प्राप्ति की क्षमता जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। इस प्रकार प्राप्त किए गए इनपुट, फ्लैग ऑफिसर की अध्यक्षता में एक नामित बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स द्वारा स्वतंत्र विश्लेषण के लिए उपयुक्त रूप से निर्धारित किए जाते हैं। इसे अधिकारियों को व्यवहार परिवर्तन और सुधार लाने के लिए फीडबैक के रूप में भी प्रदान किया जाएगा।
विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संगठनों में इसी तरह की मूल्यांकन प्रणाली प्रचलित है। भारतीय नौसेना इस तरह की 'सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों' को अपनाने में गर्व महसूस करती है और यह पहल ' युद्ध के लिए तत्पर, विश्वसनीय, एकजुट और फ्यूचर प्रूफ फोर्स' को बनाए रखने की दिशा में अन्य प्रयासों को जारी रखने के साथ है।