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महाराष्ट्र एन.सी.सी. निदेशालय ने समुद्री सेलिंग अभियान को हरी झंडी दिखाई

15 नवंबर, 2023 को रत्नागिरी में ब्रिगेडियर वी. एन. कुलकर्णी, डी.डी.जी. महाराष्ट्र एन.सी.सी. निदेशालय द्वारा एक ओपन समुद्री सेलिंग अभियान को हरी झंडी दिखाई गई। यह अभियान वर्ष 2024 के लिए सबसे उद्यमी नौसेना इकाई, एन.सी.सी. के लिए प्रधानमंत्री रोलिंग ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का एक हिस्सा है। समारोह में भारतीय तटरक्षक स्टेशन रत्नागिरी, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और एन.सी.सी. कैडेट भी उपस्थित थे। इस अभियान का नाम "कोंकण शौर्य" है और यह एन.सी.सी. ग्रुप मुख्यालय कोल्हापुर के तत्वावधान में नंबर 2 महाराष्ट्र नौसेना इकाई एन.सी.सी., रत्नागिरी द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का नेतृत्व कमांडर के राजेश कुमार, कमांडिंग ऑफिसर, नंबर 2 महाराष्ट्र नौसेना इकाई, एन.सी.सी. ने किया। 

यह नौकायन अभियान 10 दिनों की अवधि में 127 एन.एम. की दूरी तय करते हुए रत्नागिरी से देवगढ़ और वापसी तक निर्धारित है तथा अभियान के दौरान यह दल विभिन्न छोटे बंदरगाहों और फिशिंग बंदरगाह मार्ग का दौरा करेगा जिसमें रणपार, पूर्णागढ़, अंबोलगढ़, विजयदुर्ग, मुसाकाजी और देवगढ़ शामिल हैं। जैसा कि स्थानों के नाम से पता चलता है, कोंकण तट रेखा पूर्ववर्ती मराठा साम्राज्य का गढ़ थी।अभियान दल का उद्देश्य कोंकण तट की समृद्ध समुद्री विरासत को फिर से जागृत करना है। इस अभियान का उद्देश्य खुले समुद्र में चुनौतियों पर कैडेटों को प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है। इस अभियान में 60 कैडेट भाग ले रहे हैं, जिनमें 30 सीनियर डिवीजन बॉय कैडेट और सीनियर विंग गर्ल कैडेट शामिल हैं। पश्चिमी नौसेना कमान ने संचार सेट, बचाव उपकरण प्रदान करके महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की और लगातार मौसम पूर्वानुमान तथा मौसम संबंधी डेटा प्रदान करने के अलावा आसपास के जहाजों को भी सतर्क किया। अभियान के दौरान मरीन रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेल, मुंबई और तटरक्षक बल एस.ए.आर. कवरेज प्रदान करेंगे। पर्यावरण और समाज के प्रति सामाजिक प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में ये कैडेट जलमार्ग, समुद्री तट, हमारे अपने समुद्री जीवन और तटीय सुरक्षा के लिए प्रदूषण के धीमे लेकिन निश्चित प्रभाव के बारे में जागरूकता अभियान शुरू करेंगे। इस अभियान का नाम ‘स्वच्छ कोंकण-सुरक्षित कोंकण’ रखा गया है। कैडेट्स अभियान के दौरान मार्ग में आने वाले गांवों, स्कूलों और ग्राम पंचायतों में नुक्कड़ नाटक, पथ नाट्य, व्याख्यान और रैलियां आयोजित करेंगे।